लिंगानुपात में हो रहा है सुधार : कुमारी आरती सिंह राव

Aarti Singh Rao highlights 10 years of success for PM Modi’s Beti Bachao-Beti Padhao campaign.

हरियाणाकी स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए  “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान ने इस वर्ष सफलतम 10 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि बीते एक दशक में इस अभियान ने भारत में लैंगिक समानता और बच्चियों की जन्म दर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के लिंगानुपात के डाटा आधार पर उनका स्वयं का गांव रामपुरा 5 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों में रेवाड़ी जिला में पहले पायदान पर रहा है। गांव की इस उपलब्धि पर तथा आज गांव की मेधावी छात्राओं को सम्मानित करते हुए उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है।

स्वास्थ्य मंत्री आज रेवाड़ी जिला के गांव रामपुरा में आयोजित लिंगानुपात पर आधारित मेधावी सम्मान समारोह में छात्राओं को सम्मानित करने उपरांत समारोह को संबोधित कर रही थी।

कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के जनवरी 2024 से लेकर दिसंबर 2024 तक के लिंगानुपात के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो गांव रामपुरा की कुल जनसंख्या 5201 है, इसमें एक साल के दौरान कुल 56 नवजात शिशुओं ने जन्म लिया , इनमें 32 बेटियां तथा 24 बेटे शामिल हैं। ऐसे में लिंगानुपात का प्रतिशत 1333.333 बनता है। उन्होंने ग्रामवासियों का आह्वान किया कि वे बेटियों को जन्म लेने दें और उन्हें खूब पढ़ाएं-लिखाएं। उन्होंने कहा कि वे भी इस गांव की बेटी हैं और उन्हें इस बात पर गर्व है। उन्होंने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में देश-प्रदेश का मान बढ़ा रही है।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ने बदली लोगों की धारणा : स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान  लैंगिक असंतुलन को दूर कर बालिकाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार की ओर से शुरू की गई एक प्रमुख पहल है, जो बालिकाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ने बालिकाओं के जीवन को नई दिशा देकर बेहतर बनाया है। पिछले 10 वर्षों में महिला शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर में सुधार से बड़ा बदलाव आया है। सशक्त महिलाएं विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

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