पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान का दिल होता है : प्रोफेसर जेके सहगल

PGGC-46 organized library competitions to promote reading, creativity, literacy, and critical thinking.

पीजीजीसी-46 की लाइब्रेरी आउटरीच सोसायटी ने पुस्तकालय से संबंधित प्रतियोगिताओं यथा निबंध लेखन, नारा लेखन, कोलाज बनाने, बुक मार्क मेकिंग और बुक कवर मेकिंग का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में पढ़ने के लिए प्यार और रुचि पैदा करना था।
इस अवसर पर बोलते हुए कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफेसर जेके सहगल ने कहा कि पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान का दिल होता है, और यह सीखने, अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने आगे कहा कि ये प्रतियोगिताएं पुस्तकालय जागरूकता को बढ़ावा देने, साक्षरता को प्रोत्साहित करने और विद्यार्थियों के बीच महत्वपूर्ण सोच और रचनात्मक कौशल विकसित करने का एक शानदार तरीका है। उन्होंने छात्रों से पुस्तकालय में उपलब्ध विशाल संसाधनों की खोज जारी रखने का आग्रह किया, ताकि पढ़ने और सीखने के लिए प्यार विकसित हो सके। वाइस प्रिंसिपल प्रोफेसर स्नेह हर्षिंदर शर्मा ने भी लाइब्रेरी आउटरीच सोसाइटी को इस कार्यक्रम के आयोजन में उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।
उधर कॉलेज के लोक प्रशासन विभाग ने 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद द्वारा पारित प्रस्ताव की वर्षगांठ मनाने के लिए,  प्रतिज्ञा प्रशासन समारोह का आयोजन किया। इस संकल्प के माध्यम से, जिसे संसद के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया था, भारत सरकार ने पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए क्षेत्रों सहित जम्मू और कश्मीर के संपूर्ण क्षेत्र पर अपने दृढ़ और सही दावे की पुष्टि की। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जे.के सहगल ने उप प्राचार्य प्रोफेसर स्नेह हर्षिंदर शर्मा की उपस्थिति में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को शपथ दिलाई।
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