आईजीएम-2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार होता देख गद्-गद् हुए – मनोहर लाल

Union Minister Manohar Lal celebrates cultural diversity at International Gita Mahotsav-2024, engaging with artists, and tourists.

केंद्रीय ऊर्जा एवं आवासम मंत्री श्री मनोहर लाल अंतर्राष्टीय गीता महोत्सव-2024 के मंच पर कलाकारों, पर्यटकों, शिल्पकारों के चेहरे पर रौनक और महोत्सव के लगातार बढ़ते स्वरुप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार होता देखकर गद्-गद् हो गए। ब्रहमसरोवर के तटों पर अलग-अलग प्रदेशों की संस्कृति की छटा बिखेरने वाले लोक कलाकारों, पर्यटकों का रुझान आकर्षित कर रहे शिल्पी और महोत्सव को चार चांद लगाने वाले पर्यटकों से उन्होंने मन की बात को न केवल साझा किया अपितु लोक कलाकारों के वाद्य यंत्रों की धुन पर गुनगुना भी उठे।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गीता महोत्सव को अंतर्राष्टीय स्वरूप देने के विजन को आगे बढ़ाने में हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर लाल की अहम भूमिका रही है। उन्होंने वर्ष 2016 से इसे अंतर्राष्टीय स्तर पर मनाने की शुरूआत की थी। वे कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड कार्यालय भी पहुंचे जहां बोर्ड के पदाधिकारियों के साथ 48 कोस के 182 तीर्थों के विकास, व्यवस्थाओं तथा महोत्सव को ओर भव्य बनाने की अपार संभावनाओं पर चर्चा की।

इस बैठक के बाद उन्होंने शिल्प और सरस मेले के साथ-साथ ब्रहमसरोवर का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने पर्यटकों, कलाकारों और शिल्पकारों से बातचीत कर महोत्सव की व्यवस्थाओं और सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाओं के बारे में फीडबैक भी ली। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने गीता स्थली ज्योतिसर की पावन धरा का अवलोकन कर पवित्र स्थल को नमन किया और प्रदेश सरकार की तरफ से 206 करोड़ रुपए की लागत से निमार्णाधीन ज्योतिसर अनुभव केंद्र तथा संग्रहालयों के भवनों के साथ-साथ अन्य प्रोजेक्टों का निरीक्षण किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्टीय गीता महोत्सव में आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को पवित्र ग्रंथ गीता के साथ जोडऩे का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि यह पर्यटक और यात्री कुरुक्षेत्र की पावन धरा से अपने-अपने प्रदेशों में जाने के बाद वहां पर भी गीता का पाठ करें। इन लोगों से केडीबी लगातार संपर्क बनाकर रखे और आने वाले समय में इन लोगों को महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र में आमंत्रित करे। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्टीय गीता महोत्सव को देश की बड़ी-बड़ी संस्थाओं के साथ जोडऩे का प्रयास किया जाए ताकि महोत्सव के लिए सीएसआर के तहत सहयोग मिल सके। इसके साथ ही एक ऐसी लोकल तीर्थ यात्रा सर्किट योजना तैयार की जाए जिससे तीर्थ यात्री कुरुक्षेत्र के तीर्थों का भ्रमण कर सके।

इन कार्यक्रमों के उपरांत केंद्रीय मंत्री ने पिपली नीलधारी गुरुद्वारा साहिब में संतों और गणमान्य लोगों से बातचीत की और गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे माथा टेका।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्टीय गीता महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को देश की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत को देखने और जानने का अवसर मिलता है। इस महोत्सव का आयोजन कनाड़ा, आस्ट्रेलिया, मारिशॅस, लंदन और श्रीलंका में किया जा चुका है और पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश विश्व के कोने-कोने तक पहुंचे इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।

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