प्रयागराज तीर्थ की तर्ज पर गीता स्थली कुरुक्षेत्र को बनाएंगे स्वच्छ और सुंदर : नायब सिंह सैनी

CM Nayab Singh Saini leads Swachhata Abhiyan to make Kurukshetra clean and globally renowned.

  • मुख्यमंत्री कुरुक्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए स्वयं करेंगे श्रमदान, कुरुक्षेत्र को 27 नवम्बर से पहले स्वच्छ बनाने के लिए बांटा जाएगा 18 सेक्टरों में
  • गीता महोत्सव की व्यवस्थाओं पर निगरानी की कमान संभालें संस्थाएं, कुरुक्षेत्र की तमाम धार्मिक और समाजसेवी संस्थाओं ने महोत्सव को भव्य और यादगार बनाने के दिए सुझाव

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रयागराज तीर्थ की तर्ज पर गीतास्थली कुरुक्षेत्र को भी स्वच्छ और सुंदर बनाया जाएगा। इस कर्मस्थली को पुर्णतय स्वच्छ बनाने के लिए वे स्वयं भी स्वच्छता अभियान में श्रमदान करेंगे। इस शहर को स्वच्छ बनाने के लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के सुझाव पर 18 सेक्टरों में बांटा जाएगा और 27 नवम्बर से पहले शहर को पुर्णतय स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास किया जाएगा। इस स्वच्छता अभियान में सभी समाजसेवी, धार्मिक, युवा, माताएं, बहनें और आम नागरिक भी अपना सहयोग दें। सभी मिलकर इस धर्मक्षेत्र को स्वच्छ बनाएंगे ताकि पूरी दुनिया में स्वच्छ कुरुक्षेत्र के रूप में जाना जाए।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शुक्रवार को देर सायं गीता ज्ञान संस्थानम के सभागार में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तत्वाधान में समाजसेवी संस्थाओं को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, महामंडलेश्वर डा. शाश्वतानंद महाराज, स्वामी बंसीपुरी महाराज, परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज, स्वामी हरिओम परिवाजक, स्वामी सतपाल महाराज को शॉल भेंटकर सम्मानित किया। । इस कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र की सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने करीब 25 से ज्यादा सुझाव दिए।

 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी संतों का स्वागत किया और सभी समाजसेवी व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि 28 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सरकार व प्रशासन का कंधे से कंधा मिलकर सहयोग करें ताकि यह महोत्सव गरिमा और भव्यता के साथ सम्पन्न हो सके। इस पावन धरा पर ही 5161 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से पूरी दुनिया को गीता का उपदेश दिया। इन्हीं उपदेशों को जन-जन तक पंहुचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला से गीता महोत्सव का आयोजन और घर-घर तक पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को पंहुचाने का आहवान भी किया। इसके उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से वर्ष 2016 में इस गीता जयंती को अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का स्वरूप दिया गया। इतना ही नहीं, इस महोत्सव का आयोजन मोरशियस, इंग्लैंड, कनाडा, आस्टे्रलिया, श्रीलंका में भी किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि इस महोत्सव को और आगे बढ़ाने के लिए समाज के सहयोग की निहायत जरुरत है। इस महोत्सव के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी को एक मंच पर एकत्रित होना चाहिए। इस महोत्सव के आयोजन के लिए सरकार की तरफ से बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस महोत्सव में प्रशासन और केडीबी तमाम व्यवस्थाएं देख रहा है। इन व्यवस्थाओं पर निगरानी के लिए संस्थाओं के प्रतिनिधियों को कमान संभालने की जरुरत होगी। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र को 27 नवम्बर से पहले स्वच्छ बनाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करनी होगी। इस रूपरेखा को तैयार करने की जिम्मेवारी उपायुक्त को सौंपी गई है। इस स्वच्छता अभियान में सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं का सहयोग अति आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि 27 नवम्बर से पहले कुरुक्षेत्र के स्वच्छता अभियान में वे स्वयं श्रमदान करने के लिए पंहुचेंगे और सभी के सांझे प्रयासों से प्रयागराज तीर्थ की तर्ज पर कुरुक्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाएंगे। इस महोत्सव में कुरुक्षेत्र 48 कोस के 182 तीर्थों पर भी एक ही समय में स्वच्छता अभियान चलाया जाए। इसके अलावा इन तीर्थों पर महोत्सव के दौरान दीपदान, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ गीता जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए।

पूरा विश्व ले रहा है अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से प्रेरणा :  स्वामी ज्ञानानंद

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान वैश्वी गीता पाठ जैसे कार्यक्रमों से पूरे विश्व को प्रेरणा मिल रही है। इस महोत्सव ने पूरे विश्व में अपनी एक पहचान बना ली है। इस महोत्सव को पांच देशों में पूरी गरिमा के साथ मनाया जा चुका है और अब संतों और समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से इस महोत्सव को और भव्य तरीके से मनाया जाना है। इसलिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं समाजसेवी और धार्मिक संस्थाओं से मिलने के लिए पंहुचे हैं। इसलिए सभी संस्थाओं को इस महोत्सव को और आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।  इस महोत्सव ने  वर्ष 2016 में  अंतरराष्ट्रीय महोत्सव का स्वरूप हासिल किया। हालांकि वर्ष 1989 से इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में तमाम समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों के सहयोग की निहायत जरुरत होगी। सभी मिलकर इस महोत्सव को पूरी भव्यवता के साथ मनाएंगे और शहर को स्वच्छ और साफ बनाने में सभी नागरिक संस्थाएं अपना सहयोग देगी।

इस मौके पर पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा सहित अन्य कार्यकर्ता व अधिकारीगण मौजूद थे।

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