पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार, जो किसान समर्थक है, की ओर से जहां किसानों से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद ही नीतियां बनाई जाती हैं, वहीं केंद्र सरकार ने हमेशा पंजाब और किसानों को अनदेखा कर अपनी बात को ऊपर रखा है। केंद्र सरकार द्वारा पंजाब से चावल की सही ढंग से लिफ्टिंग नहीं करवाई जा रही है, जिससे पंजाब में फसल स्टोर करने की नई समस्या पैदा हो गई है। जबकि सीजन शुरू होने वाला है। जिसका सीधा असर किसानों, आढ़तियों, राइस मिलर्स समेत सभी पर पड़ेगा। यह विचार पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी, पंजाब के राज्य महासचिव स. हरचंद सिंह बरसट की तरफ से व्यक्त किये गए।
उन्होंने कहा कि राज्य में चावल के भंडार की वजह से जगह की भारी कमी है और पिछले कुछ महीनों से चावल की लिफ्टिंग में कमी के कारण स्थिति और गंभीर हो सकती है। स. बरसट ने बताया कि 1 अक्टूबर से मंडीकरण सीजन आरंभ होने वाला है, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार की ओर से इस मुद्दे को हल करने के लिये कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा, जबकि इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने की बहुत आवश्यकता है।
धान के आगामी सीजन के दौरान मंडियों में बंपर फसल आने की संभावना है, जबकि पिछले सीजन 2023-24 में सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर करीब 186.57 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने पर जोर देना चाहिए, क्योंकि पंजाब के राइस मिलर्स में जगह की कमी होना बड़ी समस्या बनी हुई है। इस कारण सीजन के दौरान धान की सुचारु खरीद पर भी असर पड़ सकता है। अगर पंजाब में जगह ही नहीं होगी, तो धान को स्टोर कहां पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब को परेशान कर रही है। इससे पहले 26 जनवरी की परेड में पंजाब की झांकी को शामिल न करना, बाढ़ के कारण पंजाब के किसानों-मजदूरों को मुआवजा ना देना, पंजाब के किसानों-मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकना, पंजाब के रूरल डेवलपमेंट फंड व हेल्थ मिशन फंड को रोकना देश के प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की पंजाब और पंजाबियत के साथ नफरत को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब के साथ भेदभाव न करते हुए राज्य के विकास को महत्व देना चाहिए।