मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां किसान भवन में विभाग की चल रही परियोजनाओं की समीक्षा हेतु आहूत राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। गुरमीत सिंह खुडियन ने कहा कि 2019 के बाद से यह दूसरी बार है कि टैबलेट कंप्यूटर के उपयोग के माध्यम से पशुओं की उनकी नस्ल और अन्य विशेषताओं के अनुसार डिजिटल गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 64.75 लाख से अधिक पशुधन एवं कुक्कुट पशुओं की गणना की जायेगी।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा कि पालतू कुत्तों और बिल्लियों की भी गिनती उनकी नस्ल के हिसाब से की जाएगी. उन्होंने कहा कि पहली बार गौशालाओं में रहने वाले पशुधन और विभिन्न जनजातियों द्वारा पाले जाने वाले पशुओं की अलग-अलग गणना की जाएगी।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि इस व्यापक क्षेत्रीय सर्वेक्षण के लिए एक राज्य नोडल अधिकारी, पांच जोनल नोडल अधिकारी, 23 जिला नोडल अधिकारी, 392 पर्यवेक्षक और 1962 प्रगणक नियुक्त किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि गणनाकार प्रत्येक घर में जाकर पशुओं की नस्ल और अन्य विशेषताओं के अनुसार उनकी गणना करेंगे।
पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि इस गणना को करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण चल रहा है और उनका प्रशिक्षण अगस्त में पूरा हो जाएगा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सुचारू गणना के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
बैठक के दौरान गुरमीत सिंह खुड़ियां ने पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाओं, ओपीडी, टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान से संबंधित गतिविधियों की भी समीक्षा की। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पशुपालकों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए और उनका कल्याण विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.
पशुपालन विभाग के निदेशक डाॅ. गुरशरणजीत सिंह बेदी ने कहा कि विभाग पंजाब के गांवों में विभिन्न पशुओं की बीमारियों और उनकी रोकथाम से संबंधित साहित्य मुद्रित और वितरित करेगा।