पंजाब के कर्मचारियों की हरियाणा के कर्मचारियों से आम आदमी पार्टी के झूठे लारों में न आने की अपील

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कई बार समय देकर मीटिंग की स्थगित

The state government is continuously procrastinating on the restoration of the old pension scheme.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कई बार समय देकर मीटिंग की स्थगित

पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए हम लड़ेंगे: सुखजीत सिंह

चंडीगढ़, : सीपीएफ कर्मचारी यूनियन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष और नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुखजीत सिंह ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा सरकार के कर्मचारियों को आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम (ओ.पी.एस) की बहाली को लेकर किए जा रहे झूठे वादों से सचेत रहने की अपील की है।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नवंबर 2022 में पंजाब के मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों को दिवाली के तोहफे के रूप में ओ पी एस लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पार्टी के प्रचार और अन्य गतिविधियों के लिए दूसरे राज्यों में करोड़ो रुपए खर्च कर दिए, लेकिन पार्टी को सत्ता में लाने वाले करमचारियों से किए गए वादे के मुताबिक पंजाब में ओ पी एस बहाल नहीं किया गया है।

उन्होंने चेतावनी दी कि आप नेताओं को हरियाणा सरकार के कर्मचारियों को ऐसे वादों से गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने हरियाणा के कर्मचारियों से पंजाब के कर्मचारियों के अनुभव से सीख लेने और आगामी चुनावों में सोच-समझकर मतदान करने की अपील की।

श्री सिंह ने कहा कि ओ पी एस की बहाली सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और राजनीतिक दलों को अपने वादों के प्रति जवाबदेह बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम हरियाणा सरकार के कर्मचारियों से अनुरोध करते हैं कि वह सतर्क रहें और इस मामले पर ठोस कार्रवाई करें।

उल्लेखनीय है कि सीपीएफ कर्मचारी यूनियन पंजाब राज्य में सरकारी कर्मचारियों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक मोहरी संगठन है। यूनियन अपने सदस्यों के कल्याण और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

पुरानी पेंशन योजना के लिए राष्ट्रीय आंदोलन के बारे में पुरानी पेंशन योजना के लिए राष्ट्रीय आंदोलन एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओ पी एस बहाल करवाना है। आंदोलन को विभिन्न कर्मचारी यूनियनों और सामाजिक सेवा संगठनों का समर्थन प्राप्त है।

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