पंजाब सरकार ने मजदूरों के बच्चों को वजीफा देने की योजना के तहत दो साल की सेवा शर्त खत्म की: सोंग

Punjab Government removes two-year service condition for labourers’ children to receive education stipends.

पंजाब सरकार ने मजदूरों के लिए एक और कल्याणकारी कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मजदूरों के बच्चों के लिए वजीफा योजना के तहत दो साल की सेवा शर्त को समाप्त कर दिया है।

आज यहां इस बात की जानकारी देते हुए पंजाब के श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा कि यह कदम मजदूर बिरादरी के लिए बेहद फायदेमंद होगा, क्योंकि पहले दो साल की सेवा शर्त अनिवार्य थी। उन्होंने कहा कि यह फैसला कल देर शाम पंजाब श्रम कल्याण बोर्ड की 55वीं बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि बोर्ड की वजीफा योजना मजदूरों के बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

मंत्री ने बताया कि मजदूरों को योगदान देने के दिन से ही वजीफा योजना का लाभ मिल सकता है। बैठक में जमीनी स्तर पर योजनाओं के बारे में जानकारी देने सहित कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। सोंद ने कहा कि जागरूकता गतिविधियों और शिविरों के आयोजन के लिए दो करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया है, जिसमें जागरूकता गतिविधियों के लिए एक करोड़ रुपये और मजदूरों के कल्याण के लिए कार्यस्थलों पर शिविर लगाने के लिए एक करोड़ रुपये शामिल हैं।

मंत्री ने बताया कि शगुन स्कीम का लाभ लेने के लिए रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट की शर्त भी खत्म कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अब मजदूर विवाह करवाने वाले धार्मिक स्थल और धार्मिक हस्तियों की फोटो जमा करवाकर शगुन स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। इस फैसले से मजदूरों को रजिस्टर्ड मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने में परेशानी नहीं होगी।

मंत्री ने पंजाब लेबर वेलफेयर बोर्ड की तिमाही मीटिंग करने के भी निर्देश दिए। यह भी फैसला लिया गया कि बोर्ड की वित्तीय सेहत को और बेहतर बनाने के लिए फंड अंशदान की राशि 1 अप्रैल 2025 तक बढ़ाई जाएगी।

मीटिंग में लेबर सेक्रेटरी मनवेश सिंह सिद्धू, लेबर कमिश्नर राजीव कुमार गुप्ता, फैक्ट्रीज के ज्वाइंट डायरेक्टर नरिंदर सिंह, असिस्टेंट वेलफेयर कमिश्नर गौरव पुरी, ज्वाइंट डायरेक्टर कनु थिंद और इंडस्ट्री, फाइनेंस और सोशल सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद थे।

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