संतोष गर्ग की पुस्तक सार का सार का हुआ विमोचन

Poet Santosh Garg’s Saar Ka Saar features works by 48 authors, celebrating Krishna’s essence.

हैं जीवन का आधार कृष्ण, करते हैं बेड़ा पार कृष्ण….ऐसा कहना है कवयित्री संतोष गर्ग का, जिनकी सार का सार संपादित पुस्तक का विमोचन जूनापीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी एवं गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के कर कमलों द्वारा श्री कृष्ण कृपा धाम में संपन्न हुआ। इस पुस्तक में देश-विदेश के 48 रचनाकारों की कविताएं, गीत व दोहों को प्रकाशित गया है।

आचार्य स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि गीता का वास्तविक उद्देश्य व्यवहार एवं अध्यात्म का समन्वय है। गीता मानव जाति को भयंकर नैतिक पतन से उबारने के लिए सच्चरित्रता और त्याग का महा संदेश देती है।

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहा कि गीता एक उदार ग्रंथ है, गीता सबके लिए है जो किसी मजहब, जाति, वर्ग, वर्ण, संप्रदाय या मत- मतांतर आदि की संकीर्णताओं से बिल्कुल अतीत है। यह साक्षात ईश्वर की वाणी है।

गीता जयंती महोत्सव पर इस काव्य संकलन के प्रकाशित होने पर हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ कुलदीप अग्निहोत्री, निर्देशक डॉक्टर धर्मदेव विद्यार्थी, निदेशक डॉक्टर चंद्र त्रिखा ने भी इस प्रयास की सराहना करते हुए कवयित्री संतोष गर्ग को बधाई शुभकामनाएं दी।

नवदीप बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस काव्य संकलन में चंडीगढ़ से प्रो.अलका कांसरा, डॉ सुनील बहल, डॉ विनोद शर्मा, एमएल अरोड़ा आदि, पंचकूला से डॉ नितिन गर्ग, कृष्णा गोयल आदि, मोहाली से दर्शना पाहवा, नीलम नारंग, नेहा शर्मा आदि के साथ ही ग्रेट ब्रिटेन से सुरेश पुष्पाकर, जापान से सुदेश नूर, अमेठी से शिवचरण शुक्ला, कुरुक्षेत्र से डॉक्टर उषा लाल, कविता रोहिला, श्रीनगर कश्मीर से ऋषिका वर्मा, जींद से अकादमी निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, शकुंतला काजल शकुन, नरवाना से डॉक्टर जगदीप राही, इंदौर से डॉ. योगेंद्र नाथ शुक्ला, बरेली यूपी से विनय साग़र जायसवाल, हिसार से नरेश कुमार शर्मा, मंडला मध्य प्रदेश से योगिता चौरसिया, हिमाचल से डॉ अशोक पण्ड्या, सागर सिंह भूरिया, भिवानी से डॉक्टर महेश कौशिक, डॉ मनोज भारत, गाजियाबाद से बीएल गुप्ता, सिरसा से डॉ शील कौशिक, डॉ राजकुमार निजात, यमुनानगर से डॉक्टर उमेश प्रताप सिंह, अंबाला से राजेंद्र रैना, कैथल से डॉ. तेजिंदर शर्मा, मधु गुप्ता आदि की रचनाएं प्रकाशित की गई हैं।

Spread the News