डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोबारा 21 दिन की पैरोल देने पर शिरोमणि कमेटी ने आपत्ति जताई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव प्रताप सिंह ने केंद्र सरकार पर अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अलग-अलग नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर रेप जैसे आरोपों को झेल रहे डेरा प्रमुख को पैरोल मिल सकती है तो बंदी सिंह को पैरोल क्यों नहीं दी जा रही है।
प्रताप सिंह ने कहा कि अगर डेरा प्रमुख को इस समाज में घूमने के लिए खुला छोड़ा जा सकता है तो सिक्ख धर्म के लिए संघर्ष कर रहे सिक्ख कैदियों को रिहा करना केंद्र सरकार के लिए क्यों मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जब भी भारत में कहीं चुनाव होने होते हैं तो गुरमीत राम रहीम को पैरोल दे दी जाती है। उन्होंने कहा कि अभी भी हरियाणा में चुनाव होने की संभावना है, जिसके चलते एक बार फिर से गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की प्रोबेशन दी गई है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
गौरतलब है कि डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने को लेकर SGPC माननीय अदालत में केस भी दायर किया गया था कि गुरमीत राम रहीम को पैरोल न दी जाए, लेकिन एक बार फिर से गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पैरोल दी गई है। जिसके बाद SGPC ने इसकी निंदा की है। बताया गया है कि गुरमीत राम रहीम 21 दिनों के लिए पैरोल पर उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित आश्रम में रहेंगे।