चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए नवदीप ने साझा किया कि एक सिंगल पैरेंट होने के नाते उनके बच्चे के साथ उनका रिश्ता और भी मजबूत हो गया है। उन्होंने बताया कि सिंगल पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए अतिरिक्त सतर्क रहते हैं ताकि उनके जीवन में किसी चीज की कमी न हो।
नवदीप ने कहा कि इस खिताब के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और जीवन के अनुभवों का बड़ा योगदान है। उनका मानना है कि आत्मरक्षा और आत्मनिर्भरता हर महिला के लिए जरूरी हैं, ताकि वे चुनौतियों को अवसरों में बदल सकें। पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हुए नवदीप ने न सिर्फ नेशनल टाइटल जीता, बल्कि अब वे इंटरनेशनल स्तर पर भी भारत का नाम रोशन करेंगी।
महिलाओं के लिए उनका संदेश था कि उन्हें ‘न’ कहने का अधिकार होना चाहिए, ताकि वे असहज स्थितियों से खुद को सुरक्षित रख सकें। नवदीप ने कहा कि महिलाएं ‘अबला’ नहीं, बल्कि ‘सबल’ बनें, और उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और ईश्वर की कृपा से हर चुनौती पार की जा सकती है