Srijan organized a Ghazal program in Chandigarh, honoring founder Dr. Dharm Swaroop Gupta’s legacy.
संगीत और नाटक के क्षेत्र में ट्राइसिटी की जानी-मानी संस्था सृजन-एन इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिएटिविटी ने कम्युनिटी सेंटर, सेक्टर-40 चंडीगढ़ में ग़ज़ल गायन कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम संस्था के संस्थापक, लेखक व नाटककार डॉ. धर्म स्वरूप गुप्त को समर्पित था। संस्था के अध्यक्ष सोमेश गुप्ता ने कहा कि पिता धर्म स्वरूप गुप्त संगीत के अलावा कविताओं, नाटकों व कला से जुड़े कार्यक्रम करवाते थे। संतोष गर्ग ने भी डॉ. धर्म स्वरूप गुप्त के बारे में बताया कि वे साहित्य एवं कला के प्रति समर्पित रहे।
संगीत के क्षेत्र में 35 वर्ष सेवा देने के उपरांत सेवानिवृत हुए सोमेश गुप्ता ने न केवल संगीत अध्यापक एवं ग़ज़ल गायकों की दुनिया में अच्छी पहचान बनाई है बल्कि अपनी अन्य संस्था ‘संभंग थियेटर ग्रुप’ के बैनर तले हर वर्ष इंटर स्कूल ड्रामा कम्पीटिशन के माध्यम से नाटक के क्षेत्र में भी प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। देश एवं विदेशों में पार्श्व गायन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में निर्णायक की भूमिका निभा चुके सोमेश गुप्ता संगीत के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए निशुल्क संगीत शिक्षा भी देते हैं। इसके अलावा इको सिटी में गरीब एवं झुग्गी झोपड़ी के बाल गोपाल को भी संगीत शिक्षा देने हेतु साप्ताहिक कक्षाएं देते हैं।
संगीत जगत में महत्वपूर्ण आयाम स्थापित करने वाले ग़ज़ल गायक जगजीत एवं चित्रा द्वारा गाई गई चर्चित ग़ज़लों की प्रस्तुति के इस कार्यक्रम में 10 ड्यूएट ग़ज़लों की प्रस्तुति हुई, सभी फीमेल गायकों के साथ सोमेश गुप्ता ने भी ग़ज़ल गायन किया। उन्होंने साहिब नूर के साथ तुमको देखा तो ये ख्याल आया, उस मोड़ से शुरू करें फिर ये जिंदगी और मेरे दिल में तू ही तू की प्रस्तुति की।
इनके अलावा सोमेश और ममता चावला ने ये तेरा घर ये मेरा घर, पहले तो अपने दिल की रज़ा और मेरे जैसे बन जाओगे प्रस्तुत की। इनके बाद सोमेश और आरती ने अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें और किया है प्यार जिसे हमने जिंदगी की तरह, साथ ही मलिका और आरती के साथ कोई समझेगा क्या राज-ए-गुलशन प्रस्तुत की। अंत मे सोमेश और जन्नत प्रूथि ने जगजीत सिंह द्वारा गाए गए बहुत मशहूर टप्पे कोठे ते आ माहिया प्रस्तुत किए जिसका सभी ने लुत्फ लिया और तालियों से प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एरिया पार्षद श्रीमती गुरबक्श रावत ने सभी नए कलाकारों का दिल खोल कर प्रोत्साहन किया और कहा कि सेक्टर 40 स्थित सामुदायिक केंद्र उनके लिए हमेशा उपलब्ध रहेगा और यहाँ से वो अपनी प्रतिभा को निखारते हुए अपनी झिझक खत्म कर सकते हैं और बड़े मंचों के सफर की शुरुआत कर सकते हैं।
ग्रेट ब्रिटेन से पधारे सुरेश पुष्पाकर ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर भूमिका निभाते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि सोमेश एवं सृजन संस्था के सभी पदाधिकारी नवोदित गायको को मंच देने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम का संचालन गुलशन भाटिया ने किया। उपरोक्त के अलावा इस कार्यक्रम में अनिल चिंतक, विनोद खन्ना, शुभाशीष न्योगी, सुनील जोशी, अनिल शर्मा, बबिता कपूर, शारलीना कौशिक, दर्शन कुमार वसन, प्रेरणा तलवार, डॉ. अनीता गर्ग, डॉ. पुलकित रस्तोगी एवं अजय शर्मा आदि ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।