मुख्यमंत्री को हिमाचल की जनता के स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं : बिंदल

BJP’s Rajiv Bindal calls CM Sukhu’s AIIMS Bilaspur remarks false, ridiculous, and against public interest.

शिमला, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान सत्य से परे, हास्यास्पद और प्रदेश के हितों का मजाक उड़ाने वाला है।

उन्होंने कहा कि बिलासपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान पर टिप्पणी करके मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है कि उन्हें हिमाचल की जनता के स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं है।

जिस संस्थान को जगत प्रकाश नड्डा के मंत्रालय ने दिया था। नड्डा और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर लगातार उसकी देखभाल कर रहे हैं, उस संस्थान को आगे बढ़ाने की बजाय उस पर टिप्पणी करना गैरजिम्मेदाराना है।

इसी तरह हिमाचल के इतिहास में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे का विस्तार शुरू किया है और रेलवे बिलासपुर तक पहुंच गई है। सुक्खू सरकार उस रेल परियोजना का झूठा श्रेय लेने का प्रयास कर रही है, जबकि प्रदेश सरकार इस कार्य को तीव्र गति से आगे बढ़ाने में बाधाएं उत्पन्न कर रही है, जिससे सिद्ध होता है कि मुख्यमंत्री हिमाचल की जनता के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ. बिंदल ने कहा कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को धोखा देकर सत्ता में आई कांग्रेस अब भाजपा को गाली देने में व्यस्त है। कांग्रेस के बड़े-बड़े वादे धरे के धरे रह गए हैं। पहली कैबिनेट में युवाओं को एक लाख तथा समय के साथ पांच लाख सरकारी नौकरी देने की गारंटी दी गई थी। कांग्रेस सरकार बनने के बाद से न नौकरी मिली, न रोजगार, कांग्रेस सरकार केवल भाजपा को दोष दे रही है, यह निंदनीय है।

डॉ. बिंदल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार कांग्रेस का सफाया हो गया है, वह 70 सीटों पर चुनाव लड़कर एक भी सीट नहीं जीत पाई। वोट प्रतिशत में वृद्धि के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, 67 विधानसभा क्षेत्रों में उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। हालांकि पार्टी का वोट शेयर 2020 में 4.26 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 6.4 प्रतिशत हो गया, लेकिन फिर भी यह विधानसभा में कोई सार्थक प्रतिनिधित्व हासिल करने से बहुत दूर है। 70 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ़ तीन – बादली, कस्तूरबा नगर और नांगलोई जाट – पर अपनी जमानत बचाने में कामयाब रही। यह हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस और सरकार के लिए एक खुला संदेश है कि कांग्रेस की नीयत और नीतियां जनविरोधी हैं।

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