Gita Mahotsav promotes Gita’s universality, involving youth, elders, women, and showcasing Haryanvi culture.
महाभारत धरा के 48 कोस के तीर्थों पर गीता महोत्सव का रंग जमेगा। कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत व जींद जिले के सभी 182 तीर्थों पर गीता वाणी की गूंज सुनाई देगी। गीता पाठ के साथ तीर्थों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ-साथ 48 कोस के तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, गीता पाठ व गीता यज्ञ का आयोजन होगा।
तीर्थों पर गीता महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य गीता की सार्वभौमिकता के साथ युवाओं को जोडऩा है। इसके साथ ही बुजुर्गों व महिलाओं का गीता के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए गीता पाठ का आयोजन किया जाएगा। हरियाणवीं सांग के जरिये भी हरियाणवीं संस्कृति की मूल प्रस्तुतियां होंगी, सांग की थीम भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े विषयों पर होगी।
दीपोत्सव में होगी ग्राम पंचायत व जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
48 कोस के सभी तीर्थों पर 11 दिसंबर को दीपोत्सव का आयोजन होगा। दीपोत्सव में ग्राम पंचायतों की भागीदारी रहेगी और जनप्रतिनिधि मेहमान होंगे। इनमें ब्लाक समित, जिला परिषद व निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ अन्य प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रण भेजा जा रहा है।