कौसांब एक्सपर्ट कमेटी की बैठक में अंतरराज्यीय व्यापार बढ़ाने पर दिया गया जोर

Expert Committee on Agricultural Marketing met in Delhi, chaired by S. Harchand Singh Barsat.

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, लोधी रोड, दिल्ली में एक्सपर्ट कमेटी आन नेशनल पालिसी फार एग्रीकल्चर मार्किटिंग की बैठक स. हरचंद सिंह बरसट चेयरमैन पंजाब मंडी बोर्ड और चेयरमैन कौसांब की अध्यक्षता में हुई। जिसमें एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन श्री अदित्य देवी लाल चौटाला विधायक डबवाली हरियाणा, श्री अशोक दलवई आई.ए.एस. पूर्व चेयरमैन डबलिंग फार्मर्स इनकम, श्री गोकुल पटनायक आई.ए.एस. पूर्व चेयरमैन एपीईडीए, श्री प्रवेश शर्मा आई.ए.एस. पूर्व एमडी एसएफएसी, डॉ. हेमा यादव निदेशक वैमनीकॉम और डा. जे. एस. यादव एम.डी कौसांब उपस्थित रहे।

सभी सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कौसांब की ओर से उठाये जा रहे इस कदम की सराहना की और गोकुल पटनायक ने सुझाव दिया कि भारत की कोई 10-12 जरूरी वस्तुओं की सप्लाई चेन के लिये डाटा तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि एमएस स्वामी नाथन रिपोर्ट में हेल्थ इंडेक्स रेशो और अंतरराज्यीय व्यापार के लिए सुझाव दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि मंडी सिस्टम को खत्म करने की बजाय इसे मजबूत किया जाए और जहां भी व्यापारियों द्वारा मनोपली करके किसानों को लूटा जा रहा है, उस पर चेक लगाया जाए।

इसी तरह प्रवेश शर्मा ने सुझाव दिया कि भारत में ई-नाम चलाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को देनी चाहिए और जो भी मौजूदा तकनीक मंडी सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए है, उसे लागू किया जाना चाहिए। डा. हेमा यादव ने सुझाव दिया कि किसानों की लूट होने से बचाने के लिए सहकारी संस्थाएं बनाकर उन्हें हर प्रकार का मार्गदर्शन और मदद करनी बनती है। अशोक दलवई ने सुझाव दिया कि कौसांब द्वारा एग्रीकल्चर मार्किटिंग की जो एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है, यह बहुत ही सराहनीय कदम है। एक्सपर्ट कमेटी द्वारा दिये सुझावों को लागू करने के लिये भारत के सभी राज्यों के प्रिंसीपल सचिवों को भी साथ में शामिल करना चाहिए। इस नीति में होर्टिकल्चर, फूड ग्रेनज, मच्छी पालन और खेती से संबंधित जो भी अन्य व्यवसाय हैं, उन्हें भी शामिल करना चाहिए।

साथ ही उन्होंने भारत में 10 हजार बड़ी मंडियों को विकसित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कम से कम 20 महत्वपूर्ण कमोडिटीज को जोन वाइज 15 राज्यों में बांट कर उनकी कीमत की जानकारी और खरीद-फरोख्त के लिये ई-नाम के माध्यम से जानकारी देनी जरूरी बनाई जाए। अदित्य देवीलाल चौटाला ने भारत में मार्किटिंग बार्डों द्वारा इंटर स्टेट मंडियों में किसानों को सुविधाएं देने, फसल बेचने और ट्रांसपोर्ट सुविधाएं देने की भी वकालत की।

स. हरचंद सिंह बरसट चेयरमैन कौसांब ने सुझाव दिया कि पूरे भारत में किस राज्य में किस प्रकार की मिट्टी है, किस प्रकार का वातावरण है, वहां कौन सी फसल अधिक पैदा होती है, का राष्ट्रीय स्तर पर डाटा तैयार किया जाए और भारत की कुल जनसंख्या की जरूरतों को मुख्य रखकर देश के किस कौने में किस वस्तु की कितनी आवश्यकता है, का डाटा भी तैयार किया जाए। उपज और जरूरतों को मुख्य रखकर मंडी सिस्टम का विस्तार किया जाए। किसानों की फसल की खरीद पर मिनिमम स्पोर्ट प्राइज की कानूनी गारंटी दी जाए, ताकि किसानों, मजदूरों को लाभ हो और आम जनता को भी सही समय पर सही खाद्य पदार्थ मिल सकें। साथ ही स. बरसट ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय स्तर की पालिसी बनाते समय भारत की किसान जत्थेबंदियों, मजदूर संगठनों, व्यापारियों और इस विषय से जुड़े अन्य विशेषज्ञों की संयुक्त बैठक बुलाकर विचार-विमर्श किया जाए, तांकि आने वाले समय में जहां फसल पैदा करने वाले किसानों को फायदा होगा, वहीं व्यापारियों और उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। इस उद्देश्य से कम से कम 3 से 4 दिन का राष्ट्रीय स्तर का सेशन बुलाकर ही खुली चर्चा करने के उपरांत नीति बनाई जाएगी।

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