Till now 18,577 metric tons of paddy has been lifted from the markets.
चंडीगढ़,: हरियाणा व पंजाब में राइस मिलर्स की हड़ताल के बावजूद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हरियाणा द्वारा धान खरीद के लिए किये गए पुख्ता प्रबंध रंग ला रहे हैं। हरियाणा ने पंजाब से 12 गुणा अधिक धान की एमएसपी पर सरकारी खरीद कर किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया है। इस बार ऑनलाइन गेटपास की सुविधा मिलने से किसानों को अपनी फसल बेचने में काफी सुविधा हुई है। अब तक हरियाणा में जहां 1,18,763 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है वहीं पंजाब में केवल 9,433 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न सरकारी एजेंसियां मंडियों में धान की खरीद कर रही हैं। धान की खरीद का कार्य 15 नवंबर, 2024 तक चलेगा। सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जा रही है। सरकार द्वारा कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड- ए धान का समर्थन मूल्य 2320 रुपए प्रति क्विंटल दिया जा रहा है। प्रदेश में धान की खरीद 241 मंडियों व खरीद केंद्रों पर की जा रही है। विभाग द्वारा 17% तक की नमी वाली धान को ही खरीदने के निर्देश दिए हुए हैं। सभी मंडियों में उचित मात्रा में बारदाना उपलब्ध है। इसके अलावा फसल की सफाई आदि के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसलों की खरीद का कार्य भी एमएसपी पर किया जा रहा है। प्रदेश में 1 अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद भी चल रही है। राज्य में बाजरा की खरीद 91 मंडियों और खरीद केंद्रों पर की जा रही है। प्रवक्ता ने प्रदेश के किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी फसल को अच्छी प्रकार से साफ़ व सूखा कर ही मंडी में लाएं ताकि खरीद में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आये। धान में 17% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए।प्रवक्ता के अनुसार 4 अक्टूबर तक राज्य की विभिन्न मंडियों में कुल 4,37,775 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। आवक धान में से 1,18,763 मीट्रिक टन धान की सरकारी एजेंसियों ने खरीद कर ली है और 18,577 मीट्रिक टन धान का उठान भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी खरीदी गई फ़सल का समय पर भुगतान भी सुनिश्चित किया जा रहा है और अब तक 15000 से अधिक किसानो के बैंक खातों में 12.85 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके खाते में भेज दी गई है। फ़िलहाल उठान किये गए धान को एजेंसी के गोदामों, प्लिंथों और अन्य चुनिंदा स्थानों में स्टोर किया गया है।