पीडूज़ पीपल के अथक प्रयासों से ट्राइसिटी के घोड़े दर्दनाक कांटेदार लगाम से हुए मुक्त

Tricity bans barbed horse reins, promoting animal welfare through Peedu’s People’s efforts.

पशु कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चण्डीगढ़, पंचकूला और मोहाली में अब घोड़ों के लिए दर्दनाक कांटेदार लगाम की खरीद और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (ड्रॉट एंड पैक एनिमल) नियम, 1965 के क्लॉज 8 के तहत लागू किया गया है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को ट्राइसिटी के नगर निगमों और पशुपालन विभागों के अधिकारियों के सहयोग से हासिल किया गया, जिन्होंने अपने-अपने शहरों में इस प्रतिबंध को अधिसूचित किया। यह फैसला पीडूज़ पीपल (Peedu’s People) के अथक प्रयासों का परिणाम है और काम करने वाले जानवरों के लिए यह एक बड़ी जीत है।
पीडूज़ पीपल की चेयरमैन इंदर संधू ने बताया कि प्रतिबंध अधिसूचित होने बाद भी घोड़ों के लिए दर्दनाक कांटेदार का इस्तेमाल बंद नहीं हो रहा था जिस पर उन्होंने घोड़ा गाड़ी मालिकों को जागरूक करने और उन्हें बदलाव के लिए समय देने के उद्देश्य से पेटा इंडिया और सेंट कबीर पब्लिक स्कूल, सेंट जेवियर्स हाई स्कूल (मोहाली) और कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल के सहयोग से लगभग 500 कांटेदार लगाम को मुफ्त में सिलेंड्रिकल लगाम से बदला। इसके बाद, चालान और चेतावनियों के तहत 120 सिलेंड्रिकल लगाम वितरित किए गए। इसके अलावा, स्थानीय सोसिटी फॉर थे प्रिवेंशन ऑफ़ क्रुएलिटी तो एनिमल्स (एसपीसीए) के सहयोग से, 58 घोड़ा गाड़ी मालिकों के चालान किए गए, क्योंकि वे इस दर्दनाक उपकरण का उपयोग कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि अब कांटेदार लगाम का उपयोग नहीं हो रहा, जिससे घोड़ों को अनावश्यक दर्द और चोटों से मुक्ति मिली। यह प्रतिबंध हजारों घोड़ों के जीवन को बेहतर बनाएगा और उन्हें अधिक मानवीय परिस्थितियों में काम करने का अवसर देगा।
पीडूज़ पीपल, जो पशु कल्याण के लिए समर्पित एक संगठन है, ने इस अभियान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सतत जागरूकता अभियानों, सामुदायिक कार्यक्रमों और स्थानीय प्रशासन व अन्य पशु कल्याण संगठनों के साथ मिलकर पीडूज़ पीपल ने इस प्रतिबंध को हकीकत में बदलने का कार्य किया।
इंदर संधू ने बताया कि वे इस समय घोड़ों की क्रूरता रोकथाम कार्यक्रम के तहत कई परियोजनाओं पर काम कर रहीं हैं।
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