केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज दो दिवसीय ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन को किया संबोधित

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज दो दिवसीय ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन को किया संबोधित

 

The entire world has accepted Prime Minister Narendra Modi’s policy of ‘zero tolerance’ against terrorism: Amit Shah

UAPA के मामलों में NIA को लगभग 95% की दोष सिद्धि दर प्राप्त करने में सफलता मिली है

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency), गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन-2024’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। गृह मंत्री ने NIA के ध्येय वाक्य (Motto) का अनावरण, UAPA मामलों की जांच के लिए SOP का विमोचन और NIA के 11 पदक विजेताओं को अलंकृत किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन, आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक श्री तपन डेका, राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार श्री पंकज सिंह और NIA के महानिदेशक श्री सदानंद वसंत दाते सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सम्मेलन में राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आतंकवाद-रोधी मुद्दों से संबंधित केन्द्रीय एजेंसियों/विभागों के अधिकारी और कानून, फॉरेंसिक, प्रौद्योगिकी आदि जैसे संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं।

सम्मलेन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि NIA सिर्फ एक जांच एजेंसी नहीं है बल्कि इसके तत्वावधान में देशभर की आतंकवाद विरोधी गतिविधियों का संकलन और संवर्धन होना चाहिए। साथ ही ऐसे उपाय करना चाहिए ताकि जांच एजेंसी कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखे और आतंकवाद निरोधक तंत्र मजबूत बने।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज 11 पदक विजेताओं को भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद के 75 वर्षों में देश की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अब तक 36,468 पुलिसकर्मियों ने आतंरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति अपनाई है। प्रधानमंत्री मोदी जी के सूत्र वाक्य Zero Tolerance Against Terrorism को आज न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व ने स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले 10 साल में आतंकवाद से मुकाबले के लिए एक मजबूत ‘इकोसिस्टम’ का निर्माण हुआ है। गृह मंत्री ने कहा कि हालांकि अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन अगर गत 10 साल के कामकाज को देखें तो इसे संतोषजनक कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि Terrorism, Terrorist और इसके पूरे इकोसिस्टम से लड़ने के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही एक National Counter-terrorism Policy & Strategy ले कर आएगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि राज्यों की अपनी भौगोलिक और संवैधानिक सीमाएं हैं, लेकिन आतंकवाद एवं आतंकवादियों की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय, दोनों तरह के षड्यंत्र करते हैं और हमें इसके खिलाफ अगर सटीक रणनीति बनानी है तो ऐसे सम्मेलनों की मदद से एक मजबूत तंत्र बनाना होगा ताकि आतंकवाद, नारकोटिक्स और हवाला सहित ऐसी सभी गतिविधियों पर लगाम लगा सके जो देश की सीमाओं और अर्थतंत्र को खतरे में डालती हों। उन्होंने भरोसा जताया कि यह सम्मलेन सिर्फ चर्चा का प्लेटफार्म नहीं बनेगा बल्कि इससे अमल में लाए जाने वाले बिंदु (Actionable Points) सामने आएंगे जो आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई को और मजबूत करेंगे। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे सम्मलेन की उपयोगिता तभी है जब Actionable Points को हम थाने और बीट स्तर तक ले जाएँ और बीट से लेकर NIA के DG तक पूरे तंत्र को आतंकवाद के खतरों के बारे में जागरूक करने में सफल हों।


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दुनिया का मानना है कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए काफी कदम उठाये गए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का यह मतलब नहीं है कि कुछ एक षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश किया जाए, बल्कि इसका मतलब आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली एजेंसियों के हाथ कानूनी रूप से मजबूत करना और एक ऐसा ‘इकोसिस्टम’ बनाना है ताकि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत हो सके।

 

 

 

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