विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने लोक सभा के अधिकारियों के साथ बनाई योजना

Haryana Speaker Harvinder Kalyan plans expanded employee training programs following a successful capacity-building initiative in Chandigarh.

हरियाणा विस अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण के सुझाव पर लोकसभा सचिवालय हरियाणा विधानसभा के कर्मचारियों का स्किल विकसित करने के लिए लघु अवधि पाठ्यक्रम तैयार करेगा। इस पाठ्यक्रम के आधार पर भविष्य में कर्मचारियों का प्रशिक्षण अधिक व्यापक स्तर पर होगा।

हरियाणा विधानसभा के कर्मचारियों के लिए चंडीगढ़ में आयोजित दो दिवसीय कर्मचारी क्षमता निर्माण कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित विस अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को विस्तार देने की योजना बनाई है। इस सिलसिले में उन्होंने कार्यक्रम के तुरंत बाद लोकसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य में इसे और व्यापक बनाने के लिए बिंदुवार चर्चा की गई।

लोकसभा के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) की निदेशक जुबी अमर और उप-सचिव सुनील मिनोचा समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई है कि हरियाणा विधानसभा के कर्मचारियों का कार्य-कौशल बढ़ाने के लिए लघु अवधि के पाठ्यक्रम तैयार किए जाने चाहिए। विस अध्यक्ष ने कहा कि दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम में जिस प्रकार से विषयों की प्रस्तुति हुई है, उससे कर्मचारियों का न केवल अच्छा प्रशिक्षण हो सका है, बल्कि वे नई ऊर्जा के साथ कार्य करने के लिए उत्साहित भी हुए हैं। यह उत्साह ऐसे ही बना रहना चाहिए, यह भी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि नोटिंग एवं प्रारूपण संबंधी फाइल वर्क की बारीकियां सीखने में कर्मचारियों ने काफी दिलचस्पी दिखाई है। विस अध्यक्ष ने कहा कि कार्यालय प्रक्रिया और रिकॉर्ड प्रबंधन एवं मैनुअल संबंधी विषय अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बदलते परिप्रेक्ष्य में हमें इस पर और काम करना है। भविष्य के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में समितियों के कामकाज पर व्यापक रूप से काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हालांकि हरियाणा विधान सभा में कमेटियों के अध्ययन दौरों की रिपोर्ट विधि सम्मत तरीके से बन रही है, लेकिन उनके प्रारूपण को और सार्थक व उपयोगी बनाने की आवश्यकता है।

विस अध्यक्ष ने कहा कि भविष्य के प्रशिक्षण सत्रों में प्रश्नकाल के लिए आने वाले प्रश्नों के प्रारूपण पर विशेष ध्यान रहेगा। विधानसभा के अनुसंधान एवं संदर्भ प्रभाग की भूमिका भी बढ़ाएंगे। इससे सदस्यों को उनके काम की जानकारी त्वरित गति से मिल सकेगी। विधिक प्रकोष्ठ की कार्यप्रणाली भी दुरुस्त करनी आवश्यक है।

इसी प्रकार स्थापना शाखा के कार्यों तथा सदस्यों के साथ व्यवहार करते समय प्रोटोकॉल और शिष्टाचार पर भी विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए। सुरक्षा हमेशा से गंभीर विषय रहा है। भारतीय संसद में सुरक्षा के उच्च मानकों को लागू किया गया है। यह इस विषय के महत्व को दर्शाता है। सुरक्षा पर प्रशिक्षण से न केवल आगंतुकों का प्रवेश सुगम हो सकेगा, बल्कि अवांछित गतिविधियों की आशंका भी नहीं रहेगी।

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