जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज पर 15 अगस्त को पहली ट्रेन दौड़ेगी। इस ब्रिज को रियासी जिले में बक्कल से कौड़ी के बीच बनाया गया है। इसकी लागत 1400 करोड़ रुपए है। 20 जून को ट्रेन का ट्रायल रन हुआ था। चिनाब ब्रिज 120 साल तक भूकंप, बाढ़ और बर्फबारी को झेल सकता है। अब दुनिया के सबसे ऊंचे स्टील आर्च ब्रिज पर भारत देश के स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को पहली ट्रेन चलेगी। करीब 2 दशक के बाद चिनाब नदी पर बना ये ब्रिज बनकर तैयार हो गया है।
कश्मीर के बारामूला तक पैसेंजर कर सकेंगे ट्रैवल
कई अलग अलग फेज में 209 किमी लाइन बिछाई जा चुकी है। इस साल के अंत तक रियासी को कटरा से जोड़ने वाली आखिरी 17 किमी लाइन बिछाई जाएगी। इस रूट में जम्मू के रियासी से कश्मीर के बारामूला तक पैसेंजर ट्रैवल कर सकेंगे।
ब्रिज बनाने में लगा 30000 मीट्रिक टन स्टील
ट्रायल रन का वीडियो अपने एक्स (ट्विटर) पर शेयर करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैप्शन में लिखा, ‘USBRL प्रोजेक्ट के तहत जम्मू कश्मीर में संगलदान और रियासी के बीच सफलतापूर्वक मेमू ट्रेन का ट्रायल रन किया गया.’ उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक – परियोजना (USBRL) साल के अंत तक पूरी हो जाएगी. वर्तमान में, कन्याकुमारी से कटरा और कश्मीर घाटी में बारामूला से संगलदान तक ट्रेनें चलती हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 20 फरवरी, 2024 को USBRL परियोजना के 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-संगलदान खंड का उद्घाटन किया था. चिनाब रेल पुल के निर्माण में कुल 30000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 260 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. इस रूट पर ट्रेन 7 स्टेशनों से होकर बारामूला पहुंचेगी.